* डाकू का आतंक *
एक बार रामपुर गाँवो के पास के जंगलो मे एक डाकू रहता था ।। जिसका नाम कालू था ।। आस - पास के गाँवो मे उसके नाम की बहुत दहशत थी।।। यहाँ तक की रामपुर गॉव का राजा भी उससे घबराता था । क्योंकि वो अचानक अपने आदमियों के साथ हमला करता और लूट-मार करके जंगल में कहां जाता किसी को नहीं पता था ।। उसके ठिकाने का पता आज तक कोई नहीं लगा पाया था।। यहाँ तक राजा के गुप्तचर सैनिक भी उसके ठिकाने को नहीं ढूंढ पाये थे ।।लेकिन रामपुर गाँव का एक युवा लड़का जिसका नाम राजू था ।।वो कालू के आंतक को खत्म करना चाहता था ।। एक दिन कालू ने रामपुर गॉव पर अचनाक से हमला कर दिया और लूट - मार कर के जंगल की तरफ भाग निकला ।।राजु ने उसका पीछा किया । लेकिन कुछ दूर जाने क बाद कालू और उसके आदमी जंगल मे कही ग़ायब से हो गये।। वो राजू को कहीं नहीं मिले।।राजु लोट कर गाँव आ गया और उसने कालू को पकडने के लिए एक प्लान बनाया ।। उसने गाँव मे ये खबर फ़हलवा दी सारगढ़ गाँव का एक बनिया एक गाड़ी मे बहुत सा सोना लेकर राजा के पास आ रहा है।। उड़ती - उड़ती यह खबर कालू डाकू के पास भी पहुंच गई ।। उसने बनिए को रास्ते मे ही लूटने का प्लान बनया।। राजू बनिए की उस गाड़ी मे सोने के निचे एक आटे की बोरी लेकर गाड़ी मे छिप गया ।। कालू ने गाड़ी पर हमला किया और सोना लूट कर गाड़ी जंगल की तरफ दौड़ा दी ।। राजू जो उस गाड़ी के अंदर था ।। उसने आटे की बोरी मे एक छेद कर दिया जिससे रास्ते मे आटा गिरता गया और पुरे रास्ते ऐसा ही हुअा ।। कालू ने सोने की गाड़ी को अपने ठिकाने पर रोक कर आराम से लूट का जशन मनाने लगा ।। राजू छुपके से गाड़ी से निकलकर आटे के निशान के साथ- साथ जंगल से बहार आ गया ।। वो जल्दी से राजा के पास गया और राजा को इस बात की खबर दी ।। राजा अपने सैनिकों को साथ लेकर राजू के साथ जंगल मे निकल पड़ा ।। वो आटे के निशान का पीछा करते हुए कालू के ठिकाने पर पहुँच गए ।। और कालू पर हमला कर दिया ।। उस हमले मे कालू के सभी साथी मेरे गए और कालू ने अपने आप को सैनिकों के हवाले कर दिया ।। राजा राजू की समझदारी से बहुत खुश हुए और उसे अपने राज्य का सैनापति नियक्त किया।।
इस तरह राजू ने अपनी बहादुरी और समझदारी से कालू का आंतक खत्म किया |
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